आदमी आड़ू कब होता है
जब वो दिन में सोता है
और रात में रोता है
SURF
डालकर bathtub में नहाता है
और cinthol से कपडे धोता है
बाल्टी में मुह
डालकर आवाज़ गुंजाता है
और गहरी वादियों में चुप हो जाता है
पैरों की धुल से चादर सानता है
और नहाकर ज़मीन पर लोट जाता है
अच्छे खासे खाने को छोड़
जब वह ख़ुशी ख़ुशी
उड़द की दाल चबाता है
आदमी तब पूरा आड़ू कहलाता है..