Thursday, September 6, 2012

आड़ू आदमी

आदमी आड़ू कब होता है
जब वो दिन में सोता है
और रात में रोता है
SURF  डालकर bathtub में नहाता है 
और cinthol से कपडे धोता है
बाल्टी में मुह  डालकर आवाज़ गुंजाता है
और गहरी वादियों में चुप हो जाता है
पैरों की  धुल से चादर सानता है
और नहाकर ज़मीन पर लोट जाता है
अच्छे खासे खाने को छोड़ 
जब वह  ख़ुशी ख़ुशी  उड़द की दाल चबाता है
आदमी तब पूरा आड़ू कहलाता है.. 

3 comments:

  1. Kavi Mahoday...aab vaakai mein badey kaabil hain. Aapne toh humein hasee se lot-pot kar diya.

    Badi insult kar dee aapne aadu ki. Humaare yahaan aadu nahi miltey. Lekin baingan ki koi kami nahin hai :P

    Cheers
    CRD

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  3. उड़द की दाल को ऐसा ज़लील किया गया है की वह डब्बे से बाहर झांकने की हिम्मत नही जुटा पा रही कई सालों से

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